जो हमें जानते हैं,
वो सिर्फ़ मेरे होकर रहे जाते हैं,
और जो हमें नहीं जानते हैं,
उनकी तो क़िस्मत* ही ख़राब हैं


Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *