Sahil Saxena Leave a comment क्यूँ मरते हो यारे बेवफा सनम के लिए दो गज जमीन भी नसीब ना होगी तेरे बदन के लिए ¤ मरना है तो मरो मेरे दोस्तो अपने वतन के लिए हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफन के लिए Copy