~ Meri Zindagii Ke Taliban Ho Tum Be’Maqsad Tabahi Macha Rakhii Haii ..’
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था, वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे
क्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी,.?..हमे हमें तो बस तेरा? मुस्कुराना अच्छा लगा था.
“Kabhe be wajha yun he baras parti hain ankhen” “Oudas hone ka koi sabab nahe hota”
रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है, कि लोग झुकना पसंद नहीं करते.
सुना है दिल से याद करो तो खुदा भी आ जाता है, हमने तो साँसों को भी दाँव पे लगा Continue Reading..
बहुत सोचा कि अब बात ही नही करूँ तुमसे, फिर सोचा झगड़ा किससे करूँगा |
जो भी आता हे समजा के चला जाता हे………. पर कोई समझने वाला नही मिलता
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
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