~ Meri Zindagii Ke Taliban Ho Tum Be’Maqsad Tabahi Macha Rakhii Haii ..’
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते, रास्ते गवाह है बस गवाही नहीं देते.
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना, अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
कुछ ख्वाहिशें ,कुछ चाहतें , कुछ अरमान , कुछ राहतें…. बस ये सब टूटा मेरे दिल के साथ, तेरे जाने Continue Reading..
Tmhen meri mohabbat ki qasam such such btana… Galay main daal k baahen Manana kis se sikha hai…
jindaa rhne k liye…. rooh ki jrut hoti h saash ki nhi..
hum ne har ghum main nikhaari hain tumhari yaadain… Hum kOi tum thy jo duniya se shikayt karty …
अभी गुमनाम हूँ तो फासला बना रखा है, कल.. मशहूर हो जाऊं तो कोई रिश्ता मत निकाल लेना !
कसूर तो बहुत किए हमने जिंदगी में❣ सजा वहां मिली❣ जहां हम बेकसूर थे
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