खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं इसलिए लोग कहते हैं”जमाना खराब है”..
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
मेरी पागल सी महोब्बत उस पल याद आएगी जब हँसाने वाले कम रुलाने वाले ज्यादा होंगे
DiL लेकर क्या KaRoGi बताओ तो sAHi tUm_sE ज़ुल्फें तो ApNi संभाली नहीं JaTi..
तू मुझसे मिलने कभी नक़ाबों मे ही आ ! ख़ुद न मुमकिन तो ख़्वाबों मे ही आ !!
भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम, किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए.
ऐब भी बहुत हैं मुझमें और खूबियां भी.. ढूँढने वाले तूं सोच, तुझे चाहिए क्या मुझमे..
रंग कैसा है तुम्हारे प्यार का.. जख़्म दिल के सब गुलाबी हो गए
हवस का आलम तो देखिये हुजूर… संतरे भी दबा दबाकर खरीदते हैं
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