मुझ पर इलज़ाम झूठा है…. _यारों…_ मोहब्बत की नहीं..हो गयी थी….!!
ए मुसीबत जरा सोच के आन मेरे करीब, कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये.
पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों…… ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही – v
सामान बाँध लिया है मैंने , अब बताओ कहाँ रहते हैं वो लोग जो कहीं के नहीं रहते।
मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना . क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही
उनकी ना खाता थी हम ही गलत समझ बैठे दोस्तो वो मोहब्बत से बात करते थे और हम मोहब्बत ही Continue Reading..
किसी की मजबूरी का….मजाक ना बनाओ यारों..!! ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है..!!
mere dushman jal jaatey hai mere shahi andaz se, kyoki hum dosti bhi karte mohabat ke andaz se.
Kal tujhse bichrdne ka faisla kar liya tha!! Aj apne hi dil ko rishwat de rahi hu!! 🙁
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