-Qafiila Khushbuon Ka Guzra Haii Tum Kahin Aas Paas Ho Shayad .. ‘
फिर से बुनने लगे ख्वाब एक नया, जाने कबतक ये सिलसिला चले इंतजार का
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी .. अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं..
जिस मोङ पे हमको छोङ गये, हम बैठे अब तक सोच रहे क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए, बस यह Continue Reading..
~ Woh Naah Miltey Toh Acha Tha Bekaar Main [Mohabbat• Sey Nafrat Hogayi .. ‘
कैसे सोऊ सुकून की नींद में साहब… सुकून से सुलाने वालों के तो शव आ रहें हैं..
Maine Uss Shakhs Ko Kabhi Hasil He Nahi Kiya…. Phir B Har Lamha Lagta Ha Maine Use Kho Diya….!!
Kuch nae mila bus ek sabaq de gaya..!! Khak ho jata hai insan khak se bane insan k liye
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