-Ek Muddat Se Waqt Khamosh Tha Aaj, Lamhe Fir Yoon Hi Kuch Kehne Lage .. ‘
कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ कल हम मंदिर मे भी हो सकते है
कोई ढूंढ रहा है प्यार अपना, तो कोई दौलत के पीछे पागल है। मैं तो खोया हूँ अपने रंग-बिरंगे ख्यालों Continue Reading..
*वो इश्क वो ख्वाब, वो वादे और जाने कहाँ गुम हो गए ॥। कल तक तो सिर्फ हम थे और Continue Reading..
मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले.. फिर वही गोद फिर वही माँ मिले..
~ Gham-e-Khaas Par Kabhi Chup Rahe .. Toh’ Kabhi Ro Diye Gham-e-Aaam Par .. ^
कुछ लड़कियां बहुत प्यारी होती हैं, उसमें भी चश्मिश औऱ मुस्कुराती हुई , गजब ढा देंती हैं
Tum jo hoty to zindagi hum sy…. Ralkh lehjy men baat ku krti….
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