-Ek Muddat Se Waqt Khamosh Tha Aaj, Lamhe Fir Yoon Hi Kuch Kehne Lage .. ‘
Woh Jo Lakhon Mein, Ek Hota Hai Mere Liye, Woh Ek Shakhs Ho Tum.
मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है फकीरा हाथ थाम लो…
जरा तो शर्म करती तू पगली. मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे….!!
सीख रहा हूँ धीरे-धीरे तेरे शहर के रीवाज . जिस से मतलब निकल जाये उसे जिंदगी से निकाल दो
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार; दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है!
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह
Bicharna Jin Se Na mumkin Samjhta Tha Mujhe Un Say Mile Ab TO Zamany Beet GayE.
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