कहा था सबने, डूबेगी यह कश्ती
मगर हम जानकर बैठे उसी मेंll
सुना है कि मिल जाती है हर चीज दुआ से …… आज तुम्हें मांग के देखेंगे खुदा से।
मंजूर थे हमें वक्त के सारे सितम मगर…. तुमसे बिछड़ कर जी लेना ~ सज़ा ज़रा ज्यादा हो गई !
-Terii Qurbat Nahii Haasil Toh Na Sahii, Tera Khyaal Har Waqt Mere Saath Rehta Haii .. ‘
हिसाब बराबर करने का बड़ा शौक़ रखते हो न तुम….. देखो मैंने याद किया है तुम्हें,लो अब तुम्हारी बारी।।
मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं, मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l
मौहब्बत की मिसाल में,बस इतना ही कहूँगा । बेमिसाल सज़ा है,किसी बेगुनाह के लिए ।
~Is Tarha Loot Liya Ishq-e-Tamanna Ne Humein, Zindagi Cheen Bhi Li Jaan Se Mara Bhi Nahi .. ^
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे… बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया…
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *