Sharafat ki duniya Ka kissa hi Khatam, ab jaisi duniya, waise hum.
हवा के झोंके से पुछता हूं हाल उनका शायद वो उनके शहर से गुजरा हो
~देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे
आप कब सही थे। इसे कोई याद नही रखता। लेकिन आप कब गलत थे इसे सब याद रखते है।…
हादसे तो और भी हुए है मेरे साथ जिंदगी में, मगर मुझे रूह से मार गया तेरा छोड़ जाना !!
-Kitnii Pagal Hoon Naa Meiin ..? Kay Tum Se Waffa Kii Umeed Rakhti Hoon .. ‘
Ye Bary Dukh Ki Bat Hai K Ab Hamara Aik Dusray K Dukh Se Koi Wasta Nahi Raha Hai…
याद करने की हमने हद कर दी लेकिन , भूल जाने में तुम भी कमाल करते हो ||
गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
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