Sharafat ki duniya Ka kissa hi Khatam, ab jaisi duniya, waise hum.
मन की मैं पौसो से गरीब हु, पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं
je pyr bhi ajeeb h, jo ise jan le…. ye kmbkhat usi ki jaan le leta h….
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
-Ek Muddat Se Waqt Khamosh Tha Aaj, Lamhe Fir Yoon Hi Kuch Kehne Lage .. ‘
*यहां लोग अपनी गलती नहीं मानते* *किसी को अपना कैसे मानेंगे…
“तू अगर मुझे नवाजे तो तेरा करम है मेरे मालिक, वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नही.”
में अब वो आँशु बहा रहा हूँ जो मेरी किस्मत में लिखे नही थे
सामने होते हुए भी तुझसे दूर रहना, बेबसी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी
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