कौन कहता है की वक्त बहोत तेज है •• कभी किसीका इंतजार तो करके देखो..
-Kuch Es Tarah Se Naraaz Haii Woh Humse, Jaiise Unhe Kisii Aur Ne Mna Liiya Ho .. ‘
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे.. की इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे..
दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर, जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
वो ना ही मिलते तो अच्छा था… बेकार में मोह्हबत से नफ़रत हो गयी
मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर……. में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…
Kuch nae mila bus ek sabaq de gaya..!! Khak ho jata hai insan khak se bane insan k liye
मुकद्दर में लिखा के लाये हैं दर-ब-दर भटकना.. मौसम कोई भी हो परिंदे परेशान ही रहते हैं…
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