कौन कहता है की वक्त बहोत तेज है •• कभी किसीका इंतजार तो करके देखो..
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने, फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए..!
तुम साथ हो तो मुकद्दर पे हकुमत हैं अपनी। बिन तेरे ज़िन्दगी की औकात ही क्या हैं।।
ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना हुआ,,,,,,,, कैसे कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया
तूने फैसले ही सारे दूर जाने वाले किये, नहीं तो बता मेरे से करीब तेरे और कौन था।
वो कागज आज भी फुलो से ज्यादा महकता है दोस्तों जिस पर उन्होंने मजाक में लिखा था कि हमें तुमसे Continue Reading..
मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं, मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l
Kaun yaad rakhta hai pyar karne walo ko, Jo jitni gahri chot deta hai, wo utna hi yad rahtaa hai..
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी, फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं
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