~ Ek Chehre Pe Hazzar Chehre Haii, Kis Chehre Ka Aitbaar Karoon .. ‘
जिस के जी में जो आता है कह जाता है… दिल का क्या है सबकी सुन के रह जाता है…
लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार भी तुम्हारा है, तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार भी तुम्हारा है..!!
सोचते थे तुमसे बिछड़ के जी नहीं पायेंगे, हाँ जी तो रहे है “मौत का इंतजार करते करते।”
मैंने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया…. एक समन्दर कह रहा था मुझे पानी चाहिए….
उसे तो हमारी महोब्बत ने मशहूर कर दिया . बेवफा वरना तू सुर्खियो मेँ रहे तेरी इतनी औकात नही
~ Roothi Agar Tujhse Toh Iss Andaaz Se Roothu’Gi, Ke Tere Shehr Ki Mitti Bhii Mere Wajood Ko Tarse’Gi .. Continue Reading..
एहसान जताना जाने कैसे सीख लिया.. मोहब्बत जताते तो कुछ और बात थी।
आप अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी… कुछ हक़ दिए नहीं जाते ले लिए जाते हैं।।
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