बहुत खूब कहा है किसी ने जी लो हर पल को वरना ना जिदगी रहेगी और ना ही पल
Bahut khaas the kabhi nazro mai kisi ke hum bhi, Magar nazro ke takaze badalne main der kaha lagti hai
ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,. वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….
अब तेरे बाद ……मेरा कौन बनेगा ….हमदर्द …..* मैंने अपने भी खो दिए…. तुझे पाने की….. ज़िद में…….*
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
ऐ चाँद तू किस मजहब का है . ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
असल मे वही जीवन की चाल समझता है जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
जिस के जी में जो आता है कह जाता है… दिल का क्या है सबकी सुन के रह जाता है…
कुछ पतंगें तो मैंने यहीं सोचकर काट दी यारों… कि उन्हें बेचकर चौराहे पर खड़े ग़रीब का पेट तो भरेगा Continue Reading..
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