गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
शायद मुझे सुकून तेरे पास ही मिले… मुझको गले लगा बहुत बेक़रार हूँ……..
कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर… बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुए देखा है Continue Reading..
” कितना मुश्किल है मनाना… उस शख्स को .. जो रूठा भी ना हो और… बात भी ना करे…!!
चेहरे “अजनबी” हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन रवैये “अजनबी” हो जाये तो बडी “तकलीफ” देते हैं !
अपनाने के लिए हजार खूबियाॅ भी कम है और छोडने के लिए एक कमी ही काफी है।
कितना अच्छा होता…तुम जो मतलबी होते… और तुम्हें सिर्फ….मुझसे ही मतलब होता…
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.
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