गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे
जिंदगी की उलझनों ने मेरी शरारतें कम कर दीं, और लोग समझते है कि मैं समझदार हो गया
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का….!! कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो….!!
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका, मोहब्बत 4 दिन की थी… तो शौक कितने दिन का Continue Reading..
इतनी चाहत से ना देखा कीजिए महफिल मे आप . आप के शाहर वालो से दुशमनी बढ जाएगी
याद रहेगा ये दौर-ए-हयात हमको, क्या खूब तरसे हैं जिन्दगी में एक शख्स के लिए ।।
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना, हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।
मंजिलो से गुमराह कर देते हैं कुछ लोग हर किसी से रास्ता पूछना अच्छी बात नही !!
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