गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे
यकीन नहीं होता फिर भी कर लेता हूँ…!!! . . जहाँ इतने हुए..एक और फरेब हो जाने दो…!!!
बस एक चेहरे ने तन्हा कर दिया हमे वरना हम खुद महफिल हुआ करते थे
ना सलाम याद रखना ना पैगाम याद रखना। छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।
मन की मैं पौसो से गरीब हु, पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं
Log Doosro ki Burayiya Chupana Nahi Chahte Aur Apni Dikhana
कौन है इस जहाँ मे जिसे धोखा नहीं मिला, शायद वही है ईमानदार जिसे मौक़ा नहीं मिला
कभी वक्त निकाल के हमसे बातें करके देखना.. हम भी बहुत जल्दी बातों मे आ जाते है…
~Kuch Samaj Nahii Aatii Sheher Ke Logo’n Kii .. Yun’Hii Rooth Jate Haii Aayina Dikhane Par .. ^
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