-Tumharii Yeh Aam Sii Baateiin Mujhey Bohat Khas Lagtii Haii .. ‘
हम सादगी में झुक क्या गए , तुमने तो हमे गिरा हुआ ही समझ लिया
Socha Tha Uss Se Bichrenge Toh Mar Jayenge, Jaan Lewa Khauf Tha Bas, Hua Kuch Bhi Nahi.
अगर मेरी माँ और उसकी होने वाली बहू मेरे साथ है, तो इस कमबख्त दुनिया की मेरे सामने क्या औकात Continue Reading..
यूँ बार बार निहारती हो आईना, ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो… एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
वफ़ा का तो वजूद ही नहीँ रहा यारो किस्से भी उन्ही के हैं जो बेवफा हैं।
Aik din woh mil gaye they sar-e-rahguzar kahin, Phir dil ne bethne na diya umar bhar kahin..
हम आते हैं महफ़िल में तो फ़कत एक वजह से, यारों को रहे ख़बर कि अभी हम हैं वजूद में..”
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