गर तू पुलिस वाली होती, पा लेते तुझे कुछ ले दे कर।
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर वरना मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
धोखा देती है अकसर मासुम चेहरो की चमक हर काँच का टुकडा हीरा नही होता
मरना होता तो कबके मर गए होते तेरी यादों में हर रोज़ मरने का मज़ा कुछ अलग ही है
~Tujhe Khabar Hai Tujhey Sochney Ki Khatir, Bohat Se Kaam Meiin Kal Par Chorr Detii Hoon .. ‘
जारी है मेरी कलम से स्याही का रिसना….. बस तुम दर्द देने का सिलसिला बरकरार रखना !
Kaaaash…! Kay Tu Mera Hota, Yaaaaa…! Ya Tamanna Teri Hoti..!
भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ, अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती
बेक़रारी देख ली तूने, अब तू मेरी खामोशी देख इतना ख़ामोश रहूँगा मैं,की अब चीख़ उठेगी तू….
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