~ Aazmaate Hai Log Sabr Mera .. Baar Baar Zikr Kr K Tera .. ^
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो… एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना, मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।
वापिस लौट आया हवाओ का रुख मोड़ने वाला, दिल❤ मे उतर रहा है फ़िर कमबख्त दिल💔 तोड़ने वाला
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे.. धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही
समय के एक तमाचे की देर है प्यारे मेरी फकीरी क्या, तेरी बादशाही क्या
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
Wahe Guru ji ka Khalsa waheguru guru ki fateh
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