ताऊ आपणे डांगरा नै ले के खेत में तै आण लाग रह्या था अर
इतने में एक मोड्डा आ ग्या अर उस नै देख कै सारे डांगर बिदक
( डर ) गे, ताऊ बोल्या ओ मोड्डे एक ओड़ नै हो ले मेरे डांगर
डर रे हैं तेरे तै ?
मोड्डा बोल्या- अरे बच्चा तुम्हें बोलने की अक्ल नहीं है, हमें
स्वामीजी कह कर बुलाते हैं,
ताऊ कै छोह उठ ग्या अर बोल्या – एक ओड नै मर ले, एक लठ
लाग ग्या तो मोड्डे तै भी जावैगा