-Jab Meiin Kuch Bhii Nahii Sochtii Tab Bhii Meiin Tumhe Sochtii Hoon .. ‘
Aa kuch likhdu tere bare meIN, Tu bhi dhundhti hogi khud ko mere Lafzon meIN
Koi Aasaib Hey Ic Haseen Shehr Pr Shaam Roshan Hey Leykin Suhani Nahin
अंदाजा लगाओ मेरी मोह्हबत का इस बात से ही. तुम्हारे नाम का हर शख्स मुझे अच्छा लगता है…!!
मुझे सिर्फ इतना बता दो….इन्तजार करु….. या बदल जाऊ मै भी तुम्हारी तरह….
सुना है, शहर में ज़ख़्मी दिलो का मेला है, . चलो हम भी कुछ गम अपने पेश करते है.
उसे तो हमारी महोब्बत ने मशहूर कर दिया . बेवफा वरना तू सुर्खियो मेँ रहे तेरी इतनी औकात नही
शांखो से टूट जाये वो पत्ते नही हे हम , इन आंधीयों से केहदो जरा अपनी औकात में रहे ।
खुद के खोने का पता ही नहीं चला… , किसी को पाने की ‘इन्तहा’ कर दी मैंने….?
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