जरा तो शर्म करती तू पगली. मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है, प्यार में ऊम्र नही होती पर हर ऊम्र में Continue Reading..
इक तो नहीं सजन मेरे पास नही रे… दूजे मिलन दी कोई आस नही ऱे….
काश में लौट जाओ बचपन की वादियो में जहाँ कोई न जरूरत थी और ना कोई जरुली था
सुनो ये मेरा दिल तुम ही रख लो ना, मेरे पास वैसे भी परेशान रहता है !!
-Kiise Utte Ena Gaur V Nahi Karna Chahiida Kay Oh Tuhanu Ignore E Karn Lag Je ..’
तू याद रख, या ना रख… तू याद है, ये याद रख…
कमाल करते है हमसे जलन रखने वाले, महफिले खुदकी सजाते है और चर्चे हमारे करते है
जरूरी नही हर ख्वाब पूरा हो… सोचा तो उसे ही जाता है जो अधूरा हो….”
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