कोई वकालत नही जलती जमीन वालो की,
जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं.. किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!
असल मे वही जीवन की चाल समझता है जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
ख़्वाहिशों की चादर तो कब की तार तार हो चुकी… देखते हैं वक़्त की रफ़ूगिरी, क्या कमाल करती है|
-Nahii Tumse Koii Shikayat Bas Itnii Si Iltiija Haii Jo Haal Kar Geyy Ho Kabhi Aa Ke Dekh Jana .. Continue Reading..
चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता, बात करना ना सही, देखना तो नसीब होता
~ Ek Chehre Pe Hazzar Chehre Haii, Kis Chehre Ka Aitbaar Karoon .. ‘
कितनी रौनकें कितने मंजर, न जाने कितने शहर देखे, पर… गाँव हमें अब भी वहीं प्यारा है, जहाँ हमने अपने Continue Reading..
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