कोई वकालत नही जलती जमीन वालो की,
जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
बुरे वक्त में किसी से कोई उम्मीद मत रखो, क्यूंकि समझौतें शेर को भी कुत्ता बना देते है !!
जमाना कहता है रात को नींद अच्छी आती है, मेरी नींदों में तो तेरी यादें ही शोर मचाती है !!
तू याद रख, या ना रख… तू याद है, ये याद रख…
बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में, अच्छा हुआ हम वक़्त पर निकल गए
असल मे वही जीवन की चाल समझता है जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का….!! कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो….!!
मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर वरना मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
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