बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में, अच्छा हुआ हम वक़्त पर निकल गए
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा… और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
कई रिश्तो को परखा तो नतीजा एक ही निकला…, जरूरत ही सबकुछ है, मुहब्बत कुछ भी नहीं..
इंसान सिर्फ आग से नहीं जलता, कुछ लोग तो हमारे अंदाज से जल जाते है।
में बहुत ज़ालिम हूँ ऐ मेरे दिल….. तुझे हमेशा उसके हवाले किया है, जिसे तेरी कदर ही नहीं…!!
जो मेरी आँखो मे पलको पे रहता था, आज काजल लगाया तो बहुत याद आया।
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो, मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो…!!
Maine Uss Shakhs Ko Kabhi Hasil He Nahi Kiya…. Phir B Har Lamha Lagta Ha Maine Use Kho Diya….!!
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