Sahil Saxena Leave a comment आज ऊजालो में एक कमी सी रहेने दो आंखो में एक कतरा नमी सी रहेने दो क़ही रह ना जाये मोहब्बत अधुरी मेरी इंतेजार है उसका, इंतेजार ही रहने दो. Copy