कुछ कदम हम चले,
कुछ कदम तुम चले,
फ़रक सिर्फ़ इतना रहा,
हम चले तो फ़ासला घटता गया,
और तुम चले तो बढ़ता गया।


Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *