लाख चाहू की तुझे याद न करू लेकिन इरादे अपनी जगह है और बेबशी अपनी जगह
अदॅर से तो कब के मर चुके है… ऎ मोत तू भी आजा… ये लौग सबूत मागॅते है ।
इक तो नहीं सजन मेरे पास नही रे… दूजे मिलन दी कोई आस नही ऱे….
ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की, खुशनसीब हैं वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते !!
झुका लेता हूँ अपना सर हर मज़हब के आगे, पता नहीं किस दुआ में तुझे मेरा होना लिखा हो..
तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है, तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..
एहसान किसी का वो रखते नही ….. मेरा भी लौटा दिया …. जितना खाया था नमक मेरे जख्मों पर लगा Continue Reading..
गलतफहमी में जिंदगी गुजार दी,, कभी हम नहीं समझे कभी तुम नहीं समझे
कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा, एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता…….. ।।
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