Sahil Saxena Leave a comment ताजमहल तो हम भी बनवा दे मगर ना बनवाने के पीछे एक राज है अगर बनवाने लगे तो हम कंगाल हो जाएंगे क्योंकि हर गली में अपनी एक मुमताज है Copy