~Umar Bhar Rahugi Gulam Haii Koi Jo Us Sa Mila De .. ‘
इतना रोई वो मेरी कब्र पे मुझे जगाने के लिए, मै मरता ही क्यो अगर वो थोड़ा रो देती, मुझे Continue Reading..
असल मे वही जीवन की चाल समझता है जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है
“तू अगर मुझे नवाजे तो तेरा करम है मेरे मालिक, वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नही.”
आदमी कभी भी इतना झूठा नही होता … अगर औरते इतने सवाल न करती
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा… और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
नदी बहती थी मौहब्बत की हम दोनो के दरमिंया…. तुम तैर कर बाहर आ गये…और हम आज तक उसमें डूबे Continue Reading..
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी, फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं
कौन कहता है की वक्त बहोत तेज है •• कभी किसीका इंतजार तो करके देखो..
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