साथ चलता है मेरे दुआओ का काफिला . किसमत से कह दो अकेला नही हुँ मै
Bahut khaas the kabhi nazro mai kisi ke hum bhi, Magar nazro ke takaze badalne main der kaha lagti hai
पहचान ना पाया तेरी हकीक़त को वक्त रहते। ये मेरी मोहब्बत थी या तेरे झुठ बोलने का हुनर
Teri Yaadein Kaanch K Tukrey… Aur Mera DiL Nangay Paaon…
ना कर शक मेरी मोहब्बत पर ऐ पगली…. . अगर सबूत देने पर आया तो तू बदना हो जायेगी…
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके….!! हम लुट जाते हैं, रोज तुम्हें याद करके….!
तरस जाओगे मेरे लबोँ से सुनने को एक लफ्ज प्यार की बात तो दूर, हम शिकायत भी नही करेगे
तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना, हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
शक करके बर्बाद होने से अच्छा है कि, विशवास रखकर लुट जाये
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