~ Khushii Walii Raat Neend Nahi Aati Aur Ghum Walii Raat Kaun Sota Haii .. ‘
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Itna na sataya kar ke raat bhar na so sake hum, Subah ko surkh ankhon ka sabab pochte hain log
गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
इतने जालिम न बनो कुछ तो दया सीखो, तुम पे मरते हैं तो क्या मार ही डालोगे।।
मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं, मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी, कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!
सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे, हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…
हां हो रही है हलचल फिर से एक बार इस खामोश जिदंगी मे…. कोई बता दो कि की खुश़ीया आएगी Continue Reading..
~Apni Galti’On Pe Parda Daal Kar, Har Shakhs Keh Raha Haii Zamana Khraab Haii . ‘