~Meiin Tumharii Woh Yaad Hoon, Jisey Tum Aksar Bhool Jatey Ho ..’
बंध जाता है जब किसी से जब रूह का बंधन, तो इज़हार-ऐ-मोहब्बत को “अल्फ़ाज़ों” की ज़रूरत नहीं होती.
यूँ तो मुझे झूठ से सख्त नफरत थी, लेकिन अच्छा लगता था जब वो मुझे “जान” कहा करती थी..
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी, उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी।
~Hum Ishq K Us Muqaam Par Khare Hain, Jahan Ankhe Kisi Aur Ko Dekhe To Gunah Lagta Hai .. ‘
फिर से बुनने लगे ख्वाब एक नया, जाने कबतक ये सिलसिला चले इंतजार का
छोडना पडा उन्हे इतनी मोहब्बत कर के भी, मैंने ‘उन्से’ प्यार किया था, उन्के बदलते हूए ‘चेहरो’ से नहीं….
में बहुत ज़ालिम हूँ ऐ मेरे दिल….. तुझे हमेशा उसके हवाले किया है, जिसे तेरी कदर ही नहीं…!!
Mohabt kisi se Tb Hi Krna Jb Mohabt Ko nibhna seekh lo, Mjburiyon Ka Sahara Le Kr Chorr Dena Wafadari Continue Reading..
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