~ Ek Chehre Pe Hazzar Chehre Haii, Kis Chehre Ka Aitbaar Karoon .. ‘
तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर वरना मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर
~सुना है कि तुम रातों को देर तक जागते हो यादों के मारे हो या मोहब्बत में हारे हो l
मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये… अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर… खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।
हम बने ही थे तबाह होने के लिए.. तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.
KitnA MushkiL HaI YeH ZindagI Ka SafaR KhudA Ne MARNA Haram KiyA HaI, LogoN Ne JEENA.
अपनी पहचान का तुझसे हवाला चाहु कितना पागल हूँ जो अँधेरे से उजाला चाहु
आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो मेरे साथ… उसने भी हँस के कहा….दूसरा कौन है तेरे साथ
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