कुछ दस्तकें, नींद तोड़ने आती हैं और कुछ… सिर्फ दिल।
~ Meri Zindagii Ke Taliban Ho Tum Be’Maqsad Tabahi Macha Rakhii Haii ..’
एहसान किसी का वो रखते नही मेरा भी लोटा दिया . जितना खाया था नमक मेरे जख्मोँ पर लगा दिया
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
मेहनत इतनी खामोशी से करो कि . “सफलता शोर मचा दे”
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…
कहते हे कि पत्थर दिल रोया नही करते तो.. फिर पहाङो से ही झरने क्यो बहा करते है ..”
मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की, बहलाया था दिल ज़रा सा के फिर रात हो गयी…
Maine To Aapki Har Adao ko Apnane Ki Kosis Me Marta Tha… Kiya Pata Aadae Badalna Vi Aapki Aadat Thi,,
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