Ek sukun or ek tum Pta nhi Kahn gum ho jate ho
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…
तरस जाओगे मेरे लबोँ से सुनने को एक लफ्ज, प्यार की बात तो दूर, हम शिकायत भी नही करेगे
गुस्से मे बोला गया एक जहरीला शब्द आपकी हजारो मीठी बातो को नष्ट कर सकता है
Toot Jata Hai Raabta khud Say Tujh Say Jab Raabta Nahi Hota.
मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा, ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता
पत्थर को लोग इसलिए पूजते हैं क्योंकि विश्वास करने लायक इंसान नहीं मिलता।
-Ghar Mera Kash Tere Ghar Kay Barabar Hota, Tu Na Aata Terii Aawaz To Aya Kartii .. ‘
“मुझसे जब_भी मिलो तो नजरे उठा_के मिला_करो, मुझे_पसंद है अपने_आप को आपकी_आँखो मे देखना”
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