मुझ पर इलज़ाम झूठा है…. _यारों…_ मोहब्बत की नहीं..हो गयी थी….!!
Chalo bikharne dete hai zindagi ko Sambhaalne ki bhi to ek hadd hoti hai.
हर सजा क़बूल की सर झुका के हमने, जैसे कोई बहुत बड़ी भूल कर दी दिल लगा के हमने !!
~ Badal Gaya Kyun Mizaaj Uska Kuch Hi Mudaat Mein Wo To Kehta Tha Badaltay Log Usey Ache Nahi Lagte Continue Reading..
~La’Parwah Haii Woh Zamaney Bhar Ka, Phiir Bhi Accha Lagta Hai Zamaney Bhar Se .. ‘
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!
~Kassh Koii Aiisa Ho Jo Gale Lga Kar Kahe,, Tere Dard Se Hame Bhii Takleef Hotii Haii .. ^
शक तो था मोहब्बत में नुक्सान होगा, पर सारा हमारा होगा ये मालूम न था।
मन की मैं पौसो से गरीब हु, पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं
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