बस आख़री साँस बाकी है ,, तुम आती हो या मैं ले लूँ…
मै तुम्हारी वो याद हूँ.. जिसे तुम अक्सर भुल जाते हो…..
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है, किसीकी महेरबानी नहीं !!
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते हुए…
ऐ-दिल ज़रा मालूम तो कर,कहीं वो तो नहीं आ रहें . महफिल में उठा हैं शोर माशाअल्लाह-माशाअल्लाह
कहीं ज़िद पूरी, कहीं जरूरत भी अधूरी… कहीं सुगंध भी नहीं, कहीं पूरा जीवन कस्तूरी…!!
सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
मै और मेरा रब्ब रोज भूल जाते है वह मेरे गुनाहो को मै उसकी रहमतो को
ღ अरे पगली मे तो तुझे तब से चाहता हुं., जब से तू School में दों चोटीया बांध कर आती Continue Reading..
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