सिर्फ दिल का हकदार बनाया था तुम्हें हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली.
” बुंलदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी, पर गलत राहो से गुजर के जाऊ ” इतनी भी जल्दी नही Continue Reading..
चंद पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के. ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया.
*न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की…* कमब्खत *”वजह”* ही नही मिलती *”मुस्कुराने”* की.
ख्त्म कर दी थी…. जिन्दगी की ……हर खुशियाँ ….तुम पर,….* *कभी फुर्सत मिले …..तो सोचना …..मोहब्बत किसने की थी……*
Teri Chahat Toh Muqadar Hy, Milley Na Milley,,,,, Rahat Zaror Mill Jati Hy Tujhay Apna Soch Ker,,,,
नदी बहती थी मौहब्बत की हम दोनो के दरमिंया…. तुम तैर कर बाहर आ गये…और हम आज तक उसमें डूबे Continue Reading..
usne milne ki b ajeeb sharat rakhi…. ki chal ker aao sukhe patton pr…. pr koi aahat na ho…
सुनो ना….हम पर मोहब्बत नही आती तुम्हें, रहम तो आता होगा?
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