एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों, जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…
कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
~Uss Mor Se Shuru Karain Aa Phir Se Zindagi, Jab Har Sham Haseen Thi Or Hum-Tum The Ajnabii .. ‘
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!
!! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलतें हैं
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