खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं इसलिए लोग कहते हैं”जमाना खराब है”..
जब आपकी ज़रूरतें कम होंगी , तब आपको ज़रुरत से ज़्यादा मिलेगा …
Itna na sataya kar ke raat bhar na so sake hum, Subah ko surkh ankhon ka sabab pochte hain log
अगर आप अपनी रोटी अच्छी पका रहे है तो, #मक्खन लगाने वाले अपने आप आपके पास आ जाएँगे.
मैं कौन हूँ यह पता चल जाये तोह मुझे भी बता देना… —” काफी दिनों से तलाश है मुझे मेरी Continue Reading..
जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते . कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर
जिन आंखो को “सजदे” मे रोने की आदत हो* *वो आंखे कभी अपने “मुक्कदर” पे रोया नही करती*
जारी है मेरी कलम से स्याही का रिसना….. बस तुम दर्द देने का सिलसिला बरकरार रखना !
जब दो लोगों के बीच तीसरा इंसान आ जाता है…. तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती हैं !!!!
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