कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते हुए…
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
लोग आँसुओं मे पढ़ते थे नाम तेरा.. इसीलिए हमने रोना छोड़ दिया.. :)) –
~Hasrat’E-Deedar Bhii Kya Cheez Hyy, Wo Samne Aye To Musalsal Dekha Bhi Nahi Jata .. ‘
फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।
मुझे महोब्बत है तेरे मन से.. न तेरी खूबसूरती से न लिबास से..
मोहब्बत दो लोगो की…. बातें सौ लोगो की…
ღ अरे पगली मे तो तुझे तब से चाहता हुं., जब से तू School में दों चोटीया बांध कर आती Continue Reading..
~Woh Ab Lakhon Dilon Se Khelta Haii, . . Mujhe Pehchan Ley Itna Bohat Haii .. ‘
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