हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, हाथ के अन्दर हैं पर काबू से बाहर…
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में था और तुम मेरी जुबान खुलने का इंतज़ार करते रहे।
कर्म भूमि पे फल के लिए श्रम सबको करना पडता है रब सिर्फ लकीरेँ देता है रंग हमको भरना पडता Continue Reading..
थोडी सी रोशनी मांगी थी हमने मगर चाहने वाले ने तो आग ही लगा दी!!!!
Kaash Tu Meri Ankhon Ka Aansu Ban Jaye, Main rona Chor Du Tujhe Khone Ke Darr Se!
इत्तेफ़ाक़ से मिल जाते हो जब वो राह में कभी, यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे।
~Tere Baad Kon Roky’Ga Humein, Hum Khud Ko Jee Bhar k Barbaad Karein’Gy .. ‘
यकीन मानो रिश्ता तोड़कर एक बार रोना….. रिश्तें में रहकर रोज रोज रोने से लाख गुना बेहतर होता है….
आदत बना ली है….मैंने खुद को तकलीफ देने की, ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो फिर तकलीफ न हो.
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