Ae gham-e-zindagi na ho naraz, Mujhe ko aadat hai muskuraane ki..
मजबुरीयां तुमहारी थी और देख …!! तनहा हम हाे गऐ
“मुझसे जब_भी मिलो तो नजरे उठा_के मिला_करो, मुझे_पसंद है अपने_आप को आपकी_आँखो मे देखना”
मेरी आशिकी भी थोड़ी अलग सी है। वो स्टेशन पर बैठी थी सर्द रात में, मैने घर में रजाई ओढ़ना Continue Reading..
मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।। तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
सिर्फ दिल ❤️ का हकदार बनाया था तुम्हें हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली.
~ Hum Agar Be’Qasoor Nikley Toh, Dekho Tumhey Bohat Dukh Hoga .. ‘
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना। नफ़रत बता रही है, तूने महोब्बत् गजब की थी।।
फासले कहाँ मोहब्बत को कम कर पाते है ,,,,, बिना मुलाकात के भी कई रिश्ते ,अक्सर साथ निभाते है।
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