गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से, नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।
जब जरुरत के समय काम आने वाला पैसा बदल सकता है …. तो तू क्या चीज है…
जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते . कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
मेरा वक़्त बोला मेरी हालत को देख कर, मैं तो गुजर रहा हूँ तू भी गुजर क्यों नहीं जाता.
वो मेरी होगी तो लौट आएगी एक दिन मेरे पास, हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते !!
मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब… ये भी न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी Continue Reading..
JiSki nazron mein hum nhi ache….. Kuch toh woh app bhi bUre honge…
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।
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