*खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं ।*
*जिसे भी देखो परेशान बहुत है ।।*
*करीब से देखा तो निकला रेत का घर ।*
*मगर दूर से इसकी शान बहुत है ।।*
*कहते हैं सच का कोई मुकाबला नहीं ।*
*मगर आज झूठ की पहचान बहुत है ।।*
*मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी ।*
*यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं ।।*



आसां तो ना था ज़िंदगी का सफर,
मगर फिर भी यूँ ही चलते रहे,
बहुत मुश्किलों से भरी थी हर डगर,
मगर फिर भी कदम धरते रहे

एक तरफ़ा इश्क से परहेज़ कीजिये जनाब…
दिल टूट गया अगर तो बस आप ज़िम्मेदार होंगे

इस दुनीया मैं मुझसे जलने
वाले बहुत हैं
मगर..उससे
मुझे कोइ फर्क नहीं पड़ता..
क्योंकी मुझ पे मरने वाले
भी बहुत हैं !!


उसे देखना था चाँद…
फिर भी वो मेरे इंतज़ार में थी ।।
मैं जानता था इबादत उसकी…
वो बस मेरे प्यार में थी ।।

न तुम मुस्कुराते, न ये बात होती
न तुम पास आते, न मुलाकात होती
न तुम साथ चलते, न बरसात होती
न तुम यूँ पलटते, न ये राह खोती।

शुभ पुरोहित


Acha lagta hai tera naam mere naam ke sath…..
Jaise koi subah judi ho,kisi haseen shaam ke sath..


Mohobbat Main Jhukna Koi Ajeeeb Baat Nahi,
Chamakta Suraj Bhi to Dhal Jata Ha Chaand k
Liye.! …

एक सेब गिरा और न्यूटन ने ग्रेविटी की खोज कर ली..
इंसान ही इंसान गिर रहे हैं और कोई मानवता नहीं खोज पा रहा…

Ye sach hai k hamain fursat nahi milti..
Mgr jab Yaad krtey hain tO zamana Bhool jatey hain.


mere dushman jal jaatey hai mere shahi andaz se,
kyoki hum dosti bhi karte mohabat ke andaz se.


usne milne ki b ajeeb sharat rakhi….
ki chal ker aao sukhe patton pr….
pr koi aahat na ho…

तेरा मेरा दिल बराबर हो नहीं सकता,
तेरा शीशा नही हो सकता,
मेरा पत्थर नहीं हो सकता।


चाहत तो आज भी उतनी है उनकी
पर किस्मत के हाथों मजबूर हो गये
देखी जो उन में अपने लिए बेरुखी
हम उनकी खुशी के लिये ही उनसे दूर हो गये..

परछाई सी थी साथ साथ चलता मालूम होता था ;
जैसे एकपल हाथ छू गया होगा तेज क़दमों में ;
तूने समझा उसकी साजिश सजा में हाथ छुड़ा लिया ;

Udaas Hoon Par Tujhse Naraz Nahi..
Tere Dil Mein Hoon Par Tere Pass Nahi..
Waise To Sab Kuch Hain Mere Pass..
Par Tere Jaisa Koi Khass Nahi…