WhatsApp हो या ज़िंदगी, लोग हमेशा status ही देखते हैं।
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है ,, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।
मुझे रिश्तो की लंबी कतारोँ से मतलब नही , कोई दिल से हो मेरा, तो एक शख्स ही काफी है..।
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
~Apni Narazgii Ki Koii Wajah Toh Batayii Hotii, Hum Duniiya Chor Detey Tujhe Manany Ke Liiye .. ‘
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