90 साल के दो बुजुर्ग रामलाल और श्यामलाल बचपन से ही दोस्त थे।

रामलाल मृत्यु शैय्या पर था। श्यामलाल रोज उसे देखने जाया करता था।

एक दिन श्यामलाल बोला—” राम, हम दोनों को फुटबॉल से बेहद प्यार है और सालों से हम हर शनिवार को फुटबॉल खेलते रहे हैं। तो भाई, जब तुम स्वर्ग में जाओ तो मुझे वहाँ की ये जानकारी जरूर देना कि वहाँ स्वर्ग में फुटबॉल का खेल होता हैं या नहीं। ”

अपनी मृत्यु शैया पर पड़े हुए रामलाल ने श्यामलाल को देखा और बोला—” श्याम, तू मेरा बेस्ट फ्रेंड है। अगर संभव हुआ तो मैं अवश्य तुझे ये जानकारी दूँगा। ”

कुछ रोज बाद रामलाल का स्वर्गवास हो गया।

एक हफ्ते बाद एक रोज आधी रात को श्यामलाल की नींद अचानक खुल गयी। उसने देखा कमरे में सफ़ेद प्रकाश की चकाचौंध हो रही है और कोई उसे पुकार रहा है—” श्याम…..श्याम…..”

श्याम घबराया हुआ बोला—” कौन है ? क….क…..कौन है ”

रामलाल—” डरो मत श्याम…ये मैं हूँ, तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड…रामलाल। ”

श्यामलाल—” लेकिन तुम तो मर चुके हो। ”

रामलाल—” सही कहा भाई। मैं मर चुका हूँ और इस वक्त मैं स्वर्ग से बोल रहा हूँ। मेरे पास तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छी खबर है और एक ज़रा बुरी खबर भी है। ”

श्यामलाल—” ठीक है…लेकिन पहले मुझे अच्छी खबर सुनाओ। ”

रामलाल—” अच्छी खबर ये है कि, यहाँ स्वर्ग में धरती से भी बढ़िया फुटबॉल किट हैं। हमारे पुराने दोस्त जो मर चुके हैं….सभी यहाँ हैं। पहले से भी बढ़िया हैं…हम सब के सब फिर से जवान हो गए हैं। यहाँ ना बारिश होती है और ना ही तेज धुप रहती है….मौसम हमेशा शीतल और सुहाना रहता है। और सबसे अच्छी बात कि हम खूब फुटबॉल खेलते हैं और ज़रा भी नहीं थकते। ”

श्यामलाल—” वाह…बहुत खूब….ये तो मेरे स्वप्न से भी अधिक और आगे है। ठीक है राम…..अब बुरी खबर भी सुना दो। ”

रामलाल—” बुरी खबर ये है मेरे भाई….कि, इस शनिवार को होने वाले फुटबॉल मैच की टीम में तुम्हारा नाम भी है। “


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