यूँ जमीन पर बैठकर क्यों आसमान देखता है,
पंखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है,
लहरों की तो फितरत ही है शोर मचाने की,
मंजिल उसी की है जो नजरों में तूफान देखता है…
Related Posts
अगर दो लोगो मे कभी लडाई ना हो तो समझ लेना कि . रिशता दिल से नही दिमाग से निभाया Continue Reading..
‘वक्त ‘ बदलने के लिए ‘बुज़दिलों’ की फौज की दरकार नहीं , चंद ‘हौसले’ वालों की ‘अंगड़ाई ‘ ही काफी Continue Reading..
यदि हर सुबह नींद खुलते ही आप अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित नहीं है तो…? आप ज़िन्दगी जी नहीं रहे Continue Reading..
दो शेरों की दोस्ती बिगड़ जाती है, दोनों ही एक दुसरे के दुश्मन हो जाते हैं, फिर दोनों एक दूसरे Continue Reading..
वो लोग जो पाप करके पैसा कमाते हैं , फिर उस में से कुछ पैसा दान कर के सोचते हैं Continue Reading..
*”एक सुनार था, उसकी दुकान से मिली हुई एक लोहार की दुकान थी।* *सुनार जब काम करता तो उसकी दुकान Continue Reading..
मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है- ‘ उम्मीद ‘ !! जो एक प्यारी सी ‘मुस्कान’ देकर… कानों में धीरे Continue Reading..
*क्या खूब लिखा है किसी ने* *बीते कल का अफसोस और आने वाले कल की चिन्ता,* *दो ऐसे चोर हैं..* Continue Reading..