बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे, बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी .. अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं..
मेरी कहानी तुम सुन सको…!!! . . इतने आँसू कहाँ हैं तुम्हारे पास…!!!
~Chalo Mana Ke Tumhaari Aadat Hai Tarpaana, Zara Socho Hum Marr Gy To Kya Karo Gy..?’
मैं उसका हूँ ये तो सारी दुनिया जान चुकी है, वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नही देता ॥
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने मुझे, अब ना किसी को खोने का डर, ना पाने की चाहत।
बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,❤ बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे.
शांखो से टूट जाये वो पत्ते नही हे हम , इन आंधीयों से केहदो जरा अपनी औकात में रहे ।
जैसा भी हूँ अच्छा या बुरा अपने लिये हूँ, मै खुद को नहीं देखता औरो की नजर से !!
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