सुबह से लेके शाम तक …

शाम से लेके रात तक …

रात से फिर सुबह तक …

सुबह से फिर रात तक

फोन पै मंडया रवै … भाई यां तो तूं कुंवारा है यां तेरी लुगाई गैल्यां ना बणदी .


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