टीचर :- अपनी माँ की तारीफ मैं एक ऐस्से लिखो ,

छात्र :- सर दुनिया मैं वा स्याई ना बणी जो मेरी माँ के गुण लिख सकै …

टीचर :- ओह … तो बेट्टा बाब्बू के बारे मैं लिख दे कुछ ,

छात्र :- सर जी वा कागज इ ना है सृष्टी मैं जिसपै मेरे बाब्बू की महानता लिखी जा सकै …

मास्टर जी की आंख्यां मैं पाणी आ गया छोरे तै गले लाकै बोल्या :- वाह रै महान आत्मा मनैं गर्व है तेरे पै … बड़ा हो कै के बणैंगा …

महान आत्मा बोल्या :- जी मास्टर जी बड़ा होकै नेता बणूंगा अर बिना कुछ करे धरे न्युए बड़ी बड़ी बात करकै लोगां का फद्दू बणाउंगा अर ऐश करुंगा ..


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